लखनऊ के दर्शनीय स्थल और घूमने की 16 जगह – Top 16 Places To Visit In Lucknow In Hindi

हमारे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में इस लेख में हम लखनऊ के मुख्य पर्यटक स्थल घूमने की संपूर्ण जानकारी देंगे अतः आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें | 

लखनऊ के दर्शनीय स्थल और घूमने की 16 जगह – Top 16 Places To Visit In Lucknow In Hindi

लखनऊ में घूमने की जगह - Tourist Places Lucknow in Hindi:

  • मेरे प्रिय पाठक लखनऊ को कबाब और नवाबों के शहर के रूप में जाना जाता है | लखनऊ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है यह गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है | यहां के पर्यटक स्थल मुगलकालीन यादों को ताजा कर देते हैं |
  • गोमती नदी के किनारे होने के कारण लखनऊ को मुस्लिम काल में नवाबों का शहर कहा जाने लगा और वर्तमान में लखनऊ को “बागों का शहर” कहा जाता है |

लखनऊ का इतिहास - Lucknow History in Hindi:

  • लखनऊ प्राचीन काल में कौशल राज्य का हिस्सा था | लखनऊ भगवान श्रीराम की विरासत थी जिसे उन्हें अपने भाई लक्ष्मण को दे दिया था | इसलिए इसे कुछ लोग लखनपुर या लक्ष्मणपुर के नाम से जानते हैं जो बाद में इसे बदलकर लखनऊ कर दिया गया |
  • अवध के शासक ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया लेकिन कुछ समय बाद नवाब विलासी और निकम्मे हो गए कुछ समय बाद लॉर्ड डलहौजी ने अवध को बिना युद्ध किए ही अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया 1850 में अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली |

लखनऊ के मुख्य पर्यटक स्थल - Best Tourist Places in Lucknow :

1. लखनऊ का ऐतिहासिक स्मारक बारा इमामबाड़ा - Imambara Lucknow history in hindi :

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक ऐसा शहर है जो अपने भव्य इमारतों के कारण जाना जाता है। जिसने बड़ा इमामबाड़ा भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है। यह भूल भुलैया के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसका निर्माण कार्य आसफ - उद - दौरानी 1784 के दौरान करवाया था । इसे मरहूम हुसैन अली की शहादत की याद में बनवाया गया हैं । स्टेशन से इसकी दूरी 4.7 किलोमीटर है। ईरानी निर्माण शैली की बनी विशाल गुंबदनुमा इमारत देखने में अत्यंत खूबसूरत है। इमारत की छत तक जाने के लिए अनेक सीढ़ियां है जो आम आदमी को भ्रमित करने के लिए काफी हैं।  अगर आम इंसान बिना किसी गाइड के मदद के स्मारक में प्रवेश करता है तो वह निश्चित ही इसमें भूल जाएगा अतः इसका नाम भूल भुलैया रखा गया। इस इमारत की शोभा बढ़ाने के लिए अनेक झरोखे बनाए गए हैं जहां से प्रवेश द्वार से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखा जा सकता है किंतु प्रवेश करने वाले व्यक्तियों उन्हें नहीं देख सकता । दीवारों को इस तकनीकी के द्वारा बनाया गया है कि दूर खड़ा व्यक्ति अगर फुसफुसाकर बात करता है तो स्पष्ट रूप से सुनाई देता है। आप कभी लखनऊ आए तो इसे अवश्य देखें यह बहुत ही लाजवाब है। 

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2. लखनऊ का चिड़ियाघर - Lucknow Ke Paryatan Sthal Zoo :

  • चिड़ियाघर वह संस्था है जहां जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहित कर रखा जाता है।
  • लोग संग्रहित पशु पक्षी को अच्छे से देख सके इसके लिए उचित व्यवस्था की जाती है।
  • इसी नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है।
  • लखनऊ स्टेशन से चिड़ियाघर की दूरी दूरी 3.8 किलोमीटर है।
  • 1921 में स्थापित हुआ यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
  • चिड़ियाघर का सैर के लिए ₹120 का टिकट लेना पड़ता है।
  • सुविधा के लिए चिड़ियाघर में उपस्थित रेलगाड़ी से आप पूरे चिड़ियाघर को आराम से घूम व देख सकते हैं।
  • चिड़ियाघर के खुलने का समय सुबह 9:00 से सायं काल 4:00 बजे तक का है।
  • मनुष्य के मनोरंजन के लिए अति उत्तम स्थान है ।
  • यहां अनेक प्रकार के जीव जंतु जैसे सरीसृप वर्ग ,पक्षी वर्ग, स्तनधारी उपस्थित हैं।
  • लखनऊ के अधिकतर स्कूल अपने बालकों को अध्ययन की दृष्टि से चिड़ियाघर की सैर कराने ले जाया करते हैं ताकि वह उचित तरीके से जीव जंतु के आचरण एवं व्यवहार को देखकर समझ सके।आप लखनऊ में यहां अवश्य आए।

3. लखनऊ का अंबेडकर मेमोरियल पार्क - Ambedkar Memorial Park Lucknow :

  • डॉक्टर अंबेडकर पार्क एक सार्वजनिक पार्क है |
  • लखनऊ की गोमती नगर में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं वहां से इसकी दूरी 4.9 किलोमीटर है।
  • यह स्मारक बीआर अंबेडकर को समर्पित है "जो भारतीय संविधान के पिता है।"
  • यह स्मारक उन सभी को समर्पित है जो मानवता, समानता और सामाजिक न्याय के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है।
  • स्मारक का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने प्रशासन काल के दौरान किया था।
  • यहाँ बॉलीवुड के अनेक फिल्मों की शूटिंग होती है अनेक संगीतकार अपने संगीत की वीडियो का रिकॉर्डिंग यहां करते हैं।
  • पूरे स्मारक को राजस्थान से लाए गए लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है जय भारत के सबसे बड़े नियोजित आवासीय कॉलोनी गोमती नगर के पॉश इलाके में स्थित है।
  • स्मारक के निर्माण कार्य में लगी लागत 7 बिलियन रुपये आंकी गई है।
  • रात के समय इस पार्क में लगी लाइट्स इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगाती हैं।
  • गर्भवती में अंबेडकर की जीवनी को दर्शाते हुए उनकी कई प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया गया है। एक कुर्सी पर बैठे हुए अंबेडकर जी की कांस्य धातु की प्रतिमा है।
  • 62 हाथियों की प्रतिमाओं द्वारा संरक्षित स्मारक का प्रवेश द्वार देखने में अत्यंत ही खूबसूरत और शानदार है।
  • इमारत के सिर पर दो गुंबद है इसमें महात्मा ज्योतिबा फूले,छत्रपति शाहूजी महाराज,श्री नारायण गुरु,डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और श्री काशीराम के बड़ी प्रतिमाएं हैं।
  • इसके अतिरिक्त एक अन्य इमारत में तथागत गौतम बुद्ध, संत कबीर दास, बिरसा मुंडा और गुरु घासीदास की 18 फुट ऊंची संगमरमर की मूर्तियां है।
  • स्मारक की गुंबद पर जाकर आप लखनऊ के चारों तरफ का नजारा देख सकते हैं जो कि अत्यंत मनमोहक लगता है।
  • पिरामिड के ऊपर से पानी के प्रवाह आगंतुक का मनोरंजन करता है।
  • आप लखनऊ आए तो इस पार्क में अवश्य आए आपको आनंद की अनुभूति होगी।

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4. लखनऊ का दिलकुशा कोठी - Dilkhush Kothi Lucknow :

  • दिलकुशा कोठी लखनऊ के दिलकुशा क्षेत्र में गोमती नदी के तट पर स्थित है।
  • इस कोठी का निर्माण कार्य सन् 1800 में एक ब्रिटिश मेजर गोरे आस्ले के द्वारा किया गया।
  • हैरत की बात यह थी कि इस कोठी में एक भी आंगन नहीं था।
  • आज स्मारक के तौर पर कुछ दीवारें और मीनारें बची हुई है।
  • ब्रिटिश की अभिनेत्री कोठी से प्रभावित हुई और कोरिया की राजधानी सियोल में अपना घर बनवाया और उन्होंने अपने घर का नाम दिलकुशा रखा।
  • यह दावा किया जाता है कि दिलकुशा कोठी शायद ऐतिहासिक शहर लखनऊ में सबसे सुंदर स्मारकों में से एक है।
  • भारतीय पुरातत्व सोसाइटी इसकी कायमता को बनाए रखने के लिए अनेकों कार्य किए हैं।
  • सर्दियों में बड़ी संख्या में आगंतुक आते हैं आज के समय में यह एक पिकनिक स्पॉट बन गया है।

5. लखनऊ की घूमने लायक जगह फिरंगी महल - Firangi Mahal Lucknow:

  • नवाबों का शहर लखनऊ की शोभा बढ़ाते हुए फिरंगी महल लखनऊ में विक्टोरिया रोड और चौक के बीच स्थित है।
  • ऐसा कहा जाता है कि इस इमारत का नाम फिरंगी रखने के पीछे एक तथ्य है।। माना जाता है कि यह चौक पहले यूरोपियन के कब्जे में था तब के समय में यूरोपियन को फिरंगी कहा जाता था इसलिए इसका नाम फिरंगी महल पड़ा।
  • वास्तव में नील नामक पहला फ्रांसीसी व्यापारी जो इस इमारत का पहला मालिक था ।मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में आया था।
  • यह महल पहले विदेशी स्वामित्व में था, जिसे बाद में एक शाही फरमान के बाद सरकार द्वारा जब्त कर लिया था ।
  • बाद में इसे मुगल सम्राट के सलाहकार मुल्ला असद बन कुतुबुद्दीन शहीद और उनके भाई मुल्ला असद बंद कुतुब को दे दी गई थी।
  • इन भाइयों ने इस केंद्र को भव्य इस्लामी संस्था में बदल दिया था जिसकी तुलना इंग्लैंड के कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की जाती थी।
  • महात्मा गांधी फिरंगी महल में कुछ दिन बिताए हैं माना जाता है कि उनके स्वागत में फिरंगी महल के मुसलमान कुछ दिन तक मांस का उपयोग बंद कर दिए थे। 
  • वह कमरा जहां गांधी जी रुके थे वह उनकी याद में समर्पित है।
  • फिरंगी महल इस्लामी परंपराओं ,मान्यताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है एवं इस्लामिक परंपराओं के संरक्षण में भी। 

6. लखनऊ की ब्रिटिश रेजिडेंसी - British Residency Lucknow :

  • गोमती नदी के तट पर स्थित रेजीडेंसी लखनऊ के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
  • इसका निर्माण कार्य आसिफ उद दौला ने 1775 ईस्वी में शुरू करवाया और 1800 मैं इस नवाब सआदत अली खान के द्वारा पूरा किया गया ।
  • रेजीडेंसी ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का निवास स्थान था।
  • भारत की आजादी की लड़ाई रेजीडेंसी में भी लड़ी गई थी वहां के टूटे-फूटे इमारतें और गोलियों के निशान को देखने से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है।
  • लखनऊ स्टेशन से रेजीडेंसी की दूरी 4.8 किलोमीटर है। 
  • आजादी की लड़ाई के पश्चात रेजीडेंसी को उसी हालत में छोड़ दिया गया वहीं टूटी फूटी इमारतें उसकी शोभा बढ़ाती है।
  • आप लखनऊ आए तो यहां अवश्य आएंगे बहुत ही शानदार है।

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7. भारत का सबसे लंबा क्लॉक टावर हुसैनाबाद क्लॉक टावर लखनऊ - India Ka Sabse Lamba Clock Tower Husainabad Lucknow :

  • हुसैनाबाद घंटाघर इमामबाड़ा के ठीक सामने स्थित है।
  • यह टावर भारत में विक्टोरियन गोथिक शैली की वास्तुकला को प्रदर्शित करती है ।
  • इस घंटाघर का निर्माण 1887 मे नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने सर जॉर्ज कपूर की आगमन पर करवाया था।
  • भारत की सबसे ऊंची घंटाघर की ऊंचाई 67 मीटर यानी 221 फीट है।
  • इसे लंदन के बिग बेन क्लॉक टावर प्रतिकृति के रूप में बनाया गया था।
  • इसकी खास बात यह है,कि इसकी विशाल पेंडुलम की लंबाई 14 फीट है और घड़ी की डायल 12 - पूरी तरह से सोने के फूल के आकार की डिजाइन की गई है और इसके चारों ओर घंटियां है।
  • अनेकों आगंतुक यहां आते हैं और इस विशाल क्लॉक टावर को देख आनंद उठाते हैं आप भी अवश्य आए।
  • आप इस क्लाॅक टावर की खूबसूरती और बनाने की शैली देखकर अचंभित जरूर हो जाएंगे।

8. नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन लखनऊ - Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden Lucknow :

  • नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान अथवा लखनऊ चिड़ियाघर लखनऊ में स्थित प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है।
  • 1921 में इसकी स्थापना हुआ थी।
  • 29 हेक्टेयर में फैला हुआ यह चिड़ियाघर अनेक जीव जंतुओं से सुशोभित है।

9. चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ के धार्मिक स्थल - Chandrika Devi Temple Lucknow :

  • गोमती नदी के तट पर स्थित चंद्रिका देवी मंदिर की महिमा अपरंपार है।
  • यह स्थानीय लोगों तथा आसपास के शहरों के लोगों के लिए भी प्रमुख तीर्थ स्थल है।
  • स्टेशन से मां चंद्रिका देवी मंदिर की दूरी 30.0 किलोमीटर है।
  • मंदिर के बाहर स्थित बाजार में पूजा के सामान से लेकर आपके निजी उपयोग में आने वाली वस्तुएं इत्यादि सब मौजूद हैं।
  • 300 साल पुराना मंदिर चंद्रिका देवी के नाम से जाना जाता है जो मां दुर्गे का एक रूप है।
  • प्राचीन काल से इस मंदिर का बहुत ही मान्यता है ,हमारे पुराणों में इसकी विवेचना की गई है।
  • इस मंदिर की अनेकों मान्यताएं हैं ऐसा माना जाता है कि द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान घटोत्कच के पुत्र को शक्ति प्राप्त करने के लिए तीर्थ के बारे में सलाह दी ।घटोत्कच के पुत्र ने लगातार 3 साल तक मां चंद्रिका देवी की पूजा किया।
  • अमावस्या और नवरात्र की पूर्व संध्या पर मंदिर और मंदिर परिसर के आस पास बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जाती है राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग हवन, मुंडन के लिए यहां आते हैं इसके अलावा इन दिनों के दौरान कीर्तन, सत्संग भी आयोजित की जाती हैं ।
  • ऐसा कहा जाता है कि चंद्रिका ( सिर पर पहने जाने वाले गहने) देवी सती का हिस्सा यहां गिरा था।
  • पुराणों के अनुसार इस धाम में श्राप मुक्ति के लिए चंद्रमा को भी स्नान करने के लिए आना पड़ा था।
  • यहां आने वाले लोग बताते हैं कि मां के दरबार में पहुंचती उनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
  • अतः आप लखनऊ में माता के दर्शन के लिए अवश्य आएं।

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10. लखनऊ की जामा मस्जिद - Jama Masjid Lucknow :

  • उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित, जामा मस्जिद लखनऊ की सबसे बड़ी मस्जिद है।
  • इसे जामी मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है।
  • रेलवे स्टेशन से जामा मस्जिद की दूरी 7.9 किलोमीटर है।
  • इस मस्जिद का निर्माण कार्य मोहम्मद शाह ने शुरू किया। किंतु आकस्मिक 1840 में मृत्यु हो जाने के बाद उनकी पत्नी ने यह कार्य पूरा करवाया ।
  • जामा मस्जिद की अंदरूनी हिस्से की खूबसूरती और चित्रकारी अत्यंत ही प्रभावशाली है।
  • अगर नवाब की मृत्यु ना हुई होती तो लखनऊ का जामा मस्जिद दिल्ली के जामा मस्जिद से बड़ा होता । बनाने का मकसद भी यही था।
  • जामा मस्जिद वास्तुकला को बहुत ही खूबसूरती से प्रदर्शित करता है। लेकिन यह सुंदर कारीगरी आप तभी देख पाएंगे जब आप नमाज हो, गैर नमाजी लोगों को बाहर से ही जाना पड़ता है।
  • अगर आप लखनऊ जाते हैं और नमाजी हैं तो लखनऊ की जामा मस्जिद में जरूर जाना असली सुंदरता मस्जिद की अंदरूनी छत पर देखने को मिल जाएगी ।

11. लखनऊ की मरीन ड्राइव - Marine Drive Lucknow:

  • लखनऊ शहर के गोमती नगर की शोभा बढ़ाने के क्रम में मरीन ड्राइव भी अपना योगदान निभाता है।
  • मुंबई के प्रसिद्ध मरीन ड्राइव के नाम पर का नाम मरीन ड्राइव रखा गया है।
  • यहां युवा वर्गों की ज्यादा भीड़ पाई जाती है।
  • युवा वर्गों के लिए हैंग आउट स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।
  • इसके अतिरिक्त इसका उपयोग प्रातः काल भ्रमण करने, साइकिल चलाने, जोगिंग करने, के लिए करते हैं।
  • यहां अनेक छोटे-छोटे फास्ट फूड के स्टाल लगे रहते हैं आराम हेतु जगह जगह पर बेंच की व्यवस्था है।
  • सायंकाल के समय अनेकों की संख्या में लोग यहां आते हैं और लुफ्त उठाते हैं।
  • पिकनिक और फैमिली गैदरिंग के लिए उचित स्थान है।
  • मरीन ड्राइव पर समय-समय पर बाइकर्स की रेप करवाई जाती है जिसे देखने अनेकों की संख्या में लोग आते हैं।

12. सआदत अली खान का मकबरा लखनऊ - Saadat Ali Khan Maqbara Lucknow :

  • लखनऊ के कैसरबाग जैसे भीड़ भरे इलाके में स्थित इमारत है जो सहादत अली खा के मकबरे के नाम से जाना जाता है।
  • इसकी भव्यता और खूबसूरती लखनऊ में स्थित अनेक इमारतों को टक्कर देती है।
  • लखनऊ के केंद्र कैसरबाग में स्थित बेगम हजरत महल के सामने स्थित है। स्टेशन से इसकी दूरी 3.5 किलोमीटर है।
  • शहादत अली खान अवध के छठवें सम्राट थे ।
  • बेगम खुर्शीद जादी नवाब की पसंदीदा बेगम थी नवाब के शासनकाल में ही बेगम की मृत्यु हो गई और उनको यही दफनाया गया।
  • बाद में नवाब की भी मृत्यु हो गई नवाब के बेटे के द्वारा बनाया गया उनके पिता का मकबरा भी यहीं पर है स्थित है।
  • इतिहासकारों के अनुसार केसर बाग इलाके से लेकर दिलकुशा कोठी तक की सभी इमारतों का निर्माण सहादत अली खान के शासनकाल में हुआ।
  • नवाब स्थापत्य कला के अत्यंत प्रेमी थे उनके द्वारा निर्मित इमारतों में इसकी झलक बखूबी दिखती है।
  • परिसर को अच्छी तरह से व्यवस्थित ढंग से रखा गया है।
  • परिसर में प्रवेश करते ही आपको दो इमारतें मिलेंगी एक सहादत अली खान की और दूसरी उनकी बेगम की।
  • इमारतों के निर्माण कार्य में बादामी चूना ईटों का इस्तेमाल किया गया है।
  • आप मकबरे के अंदर बनी चित्रकारी वास्तुकला को देखकर अचंभित हो जाएंगे यह अत्यंत खूबसूरत और प्रभावशाली है।
  • अंदर मकबरे में प्रवेश के लिए चार द्वार हैं जो बाहर की तरफ खुलती है।
  • मकबरे का पर काले व सफेद संगमरमर से निर्मित है जो कि शतरंज की तरह प्रतीत होता है।
  • गुंबद देखने में अत्यंत आकर्षित और गुलदस्ता जैसा प्रतीत होता है।
  • आपको यहां इस मकबरे की जानकारी देने के लिए संरक्षक भी मिल जाएंगे।
  • अतः आप लखनऊ में इस मकबरे में अवश्य आएं इसकी खूबसूरती आपके मनमोहोने के लिए काफी है।

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13. लखनऊ का कैसर बाग पैलेस - Kesar Bagh Palace Lucknow:

  • उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की अवध क्षेत्र में स्थित लखनऊ पैलेस अवध के अंतिम शासक नवाब वाजिद अली शाह के द्वारा सन 1847 में बनवाया गया था।
  • नवाब इसे दुनिया का आठवां अजूबा बनाना चाहते थे यह उनके सपनों का प्रोजेक्ट था।
  • ब्रिटिश सरकार ने उस समय इस महल को नुकसान पहुंचाया जब उन्हें लगा यह लोगों की मध्य अपनी पकड़ बना रहे हैं।
  • तत्पश्चात वाजिद अली शाह अपनी पत्नी के साथ कोलकाता चले गए परिणाम स्वरूप महल का एक बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया।
  • महल के अंदर स्थित चित्रकारी मूर्तियां मुगल शैली और यूरोपियन शैली को दर्शाती है।
  • इस महल में महिलाओं के लिए शाही चेंबर बनवाए गए हैं इससे यह प्रतीत होता है कि तब के जमाने में महिलाओं का सम्मान होता था।
  • राजसी 12 दरवाजे वाली इमारते महलों के बीचो बीच खड़ी है।
  • महलों में उपस्थित चित्रकारी मूर्तियां आपको सोचने में मजबूर कर देगी की इसे किस प्रकार बनाया गया है।
  • आप लखनऊ में इसका दीदार करने अवश्य आएं।

14. लखनऊ की घूमने की जगह छत्तर मंजिल - Chattar Manzil Lucknow :

  • छतर मंजिल लखनऊ के ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।
  • इसका निर्माण कार्य गजा उद्दीन हैदर ने करवाया परंतु बीच में उनकी मृत्यु हो जाने के बाद उनके उत्तराधिकारी नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने इसे पूरा करवाया।
  • ऊपरी हिस्सा छतरी के आकार से प्रतीत होता है जो दूर से दिखाई देता है इसी कारण इसका नाम छतर मंजिल पड़ा।
  • 2019 में पुरातत्व विभाग के द्वारा छतर मंजिल के आसपास खुदाई कार्य चल रहा था तभी वहां 220 साल पुराना नाम सामने आया जो नवाबों के समय का प्रतीत होता है। जो 42 फीट लंबी और 11 फुट चौड़ी थी।
  • यहां तब लखनऊ की बेगम ओं का निवास हुआ करता था।
  • लखनऊ किसानों शौकत की वजह से अनेक व्यापारी यहां अपनी किस्मत अजमाने आया करते थे।
  • इन्हीं यात्रियों में से एक फ्रांसीसी मेजर जनरल कार्ड मार्टिन भारत आए जो बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने लगे।
  • वास्तु कला में महारत हासिल मार्टिन को लखनऊ में बहुत प्रसिद्धि मिली।
  • नवाब की खास होने के कारण अनेकों कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लखनऊ की यादगार इमारत बनवाएं।
  • वास्तुकला की इतनी अनोखी चित्रकारी मन को अत्यंत शोभा प्रदान करती है।
  • आजादी के पश्चात छतर मंजिल को साइंस और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काउंसिल को सौंप दिया गया जिसने यहां सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट का eदफ्तर खोल दिया।
  • इस भव्य छतर मंजिल के दर्शन के लिए आप अवश्य आएं।

15. लखनऊ का धार्मिक स्थल मनकामेश्वर मंदिर - Mankameshwar Mandir Lucknow:

  • मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ के डाली गंज में गोमती नदी के किनारे स्थित शिव-पार्वती का मंदिर है।
  • इस मंदिर को बहुत ही मान्यताएं प्राप्त है। मंदिर की फर्श पर चांदी के सिक्के जडे हुए हैं।
  • मनकामेश्वर मंदिर त्रेता युग का हैं यहां की आरती का विशेष महत्व है।
  • मंदिर में आरती की घंटी एवं डमरु की आवाज आपको पूरी तरह से शिव की भक्ति में लीन कर देती है।
  • स्टेशन से इसकी दूरी 5.3 किलोमीटर है।
  • कहां जाता है माता सीता को वनवास छोड़ने के बाद लक्ष्मण जी ने यहीं रुक के भगवान शिव की आराधना की थी जिससे उनके मन को बहुत शांति मिली थी।
  • उसके बाद कालांतर में यहां मनकामेश्वर मंदिर के स्थापना कर दी गई।
  • मुस्लिम इलाके के मध्य स्थित मनकामेश्वर मंदिर भाईचारे का प्रतीक है।
  • मंदिर में सुबह व शाम को भव्य आरती होती है आरती में शामिल होने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है अतः इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर रखा गया है।
  • सावन, महाशिवरात्रि और कजरी तीज के मौके पर मंदिर में बहुत से संख्या में भीड़ देखने को मिलती है।
  • अतः आप लखनऊ में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए अवश्य आएं आपके मन को अत्यंत शांति मिलेगी।

16. लखनऊ की ऐतिहासिक पिक्चर गैलरी - Picture Gallery Lucknow: 

  • हुसैनाबाद इमामबाड़ा के घंटाघर के समीप 19वीं शताब्दी की बनी है पिक्चर गैलरी है।
  • यहां लखनऊ के सभी नवाबों की तस्वीर देखी जा सकती है।
  • यह गैलरी लखनऊ के उस समय की याद दिलाती है जब यहाँ नवाबों का राज हुआ करता था।
  • यहां बनी तस्वीर उस जमाने की है जब कोई डीएसएलआर और ऑयल पेंट नहीं हुआ करता था फिर भी तस्वीरें देखने लायक है।
  • यहां उपस्थित तस्वीरों को सीरियल जो रात के पाउडर और फलों के रस से तैयार किया गया है।
  • इस पिक्चर गैलरी में उपस्थित तस्वीर को लंदन से आए चित्रकार ट्रेस हैरिसन और कोलकाता से आए एल.एस. गाड ने तैयार किया।
  • उस जमाने में यहां नवाबों की अदालत चलती थी।
  • नवाबों का राज्य खत्म होने के बाद इस इमारत को पिक्चर गैलरी में तब्दील कर दिया गया।
  • इन तस्वीरों की खास बात यह है कि यहां उपस्थित सारी पिक्चर मूविंग पिक्चर है । यानी अगर आप नवाबों की जूती को दाएं तरफ से देखेंगे तो आपको सामने दिखेगी और बाएं तरफ से देखेंगे तो आपको अपनी तरफ दिखेगी।
  • वहीं कुछ तस्वीरों पर सूरज की किरणें और चांद की रोशनी पढ़ने से अद्भुत दृश्य बनता है जो अत्यंत ही खूबसूरत होता है।
  • पिक्चर गैलरी में उपस्थित खंबे सितार और तबले के आकार के हैं जो देखने में अत्यंत मनोहर दिखते हैं।
  • आप लखनऊ में पिक्चर गैलरी अवश्य देखने आ गया आपको अतीत से जोड़ देगी।

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लखनऊ कैसे पहुंचे - How To Reach Lucknow :

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है यहां पहुंचने के लिए आप फ्लाइट बस तथा ट्रेन के द्वारा आ सकते हैं अगर आपकी खुद की गाड़ी है तो और अच्छा है आप ड्राइव करके आ जाइए |

ट्रेन के द्वारा लखनऊ कैसे पहुंचे - How To Reach Lucknow By Train :

मेरे प्रिय पाठक लखनऊ पहुंचने के लिए भारत के लगभग सभी हिस्सों से मेल और सुपरफास्ट ट्रेन आती है यहां का चारबाग शहर मुख्य रेलवे जंक्शन है |अपने सुविधानुसार अपने स्थान से यहां आने के लिए ट्रेन की समय सारणी देख सकते हैं | लखनऊ में महाराजा एक्सप्रेस है जो एक शाही सवारी प्रदान करता है |

सड़क मार्ग के द्वारा लखनऊ कैसे पहुंचे - How To Reach Lucknow by Road:

लखनऊ तथा उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों के बीच सड़क परिवहन द्वारा नियमित रूप से लग्जरी और डीलक्स बसें चलाई जाती हैं |अगर आप अपने खुद के कार से आना चाहते हैं तो लखनऊ की सड़कें लगभग सभी सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं | 

फ्लाइट के द्वारा लखनऊ कैसे पहुंचे - How To Reach Lucknow By a flight:

मेरे प्रिय पाठक लखनऊ का हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जैसे दिल्ली, मुंबई ,कोलकाता ,पटना ,चंडीगढ़, बेंगलुरु आदि यहां से रोज फ्लाइटों की उड़ान भरी जाती है |हवाई अड्डे से शहर तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी और कैब की मदद ले सकते हैं तथा यहां से बसें भी चलती हैं |