अमरनाथ यात्रा करने की जानकारी - Amarnath Yatra 2021 in Hindi

सभी पाठको को हमारा नमस्कार। आज हम अपने इस लेख के जरिए आपको अमरनाथ धाम की सैर कराएँगे और यहाँ की तमाम जानकारी भी आप सभी के साथ साझा करेंगे, इसलिए लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ियेगा। उम्मीद है आप सभी को लेख ज़रूर पसंद आएगा। 

अमरनाथ यात्रा करने की जानकारी - Amarnath Yatra 2021 in Hindi

अमरनाथ गुफा का इतिहास - Amarnath History in Hindi :

  • यदि आप सच में स्वर्ग  के दर्शन प्राप्त करने के लालायित हैं तो आपको जीवन में एक बार अमरनाथ दर्शन के लिए तो अवश्य जाना चाहिए। अमरनाथ हिन्दू धर्म के देवता भगवान शिव को समर्पित स्थान है यहाँ हर वर्ष लाखों भक्त और श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति और भगवान शिव की दर्शन की इच्छा से यहाँ आते हैं। यह स्थान श्रीनगर से 67 कि.मी. की दूरी पर स्थित है जो समुद्री तल से लगभग 13700 फीट की ऊँचाई पर है। 
  • अमरेश्वर, स्वयंभू आदि नामों से विख्यात यहाँ की प्रमुखता यह है कि अमरनाथ की गुफा में बर्फ की शिवलिंग का स्वयं प्रकट होना और न पिघलना। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के चक्र के साथ इस शिवलिंग का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। 
  • इसलिए हर पूर्णिमा के दिन ये शिवलिंग अपने पूर्ण आकार में होता है। ये शिवलिंग लगभग 10 फीट लंबा है, जिसे देखना एक अद्भुत अनुभव है। इसलिए आप जब भी जम्मू और कश्मीर आए इस पवित्र और अद्भुत जगह पर आना न भूलें।

अमरनाथ गुफा की यात्रा का शुरूआती स्थल - Starting Point Amarnath Cave in Hindi : 

  • अमरनाथ की गुफा की यात्रा करने के लिए आप पहलगाम या बलटाल किसी भी यात्रा मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं। दोनों ही रास्तों से आप सुगमता से श्री अमरनाथ की गुफा तक पहुँच सकते हैं और स्वयंभू महादेव के दर्शन पा सकते हैं। 
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव ने अमरनाथ की यात्रा करते समय या उस गुफा में जाते समय संपूर्ण रास्ते में कई चीजों का त्याग किया था, जहाँ जिस चीज का त्याग हुआ जो स्थान उसी नाम से प्राख्यात हो गया। जैसे- अनंतनाग अनेक नागों के त्याग के कारण, चंदनबाड़ी, चाँद का त्याग किया आदि।

पहलगाम द्वारा अमरनाथ गुफा की यात्रा - Travel by Pahalgam Route Amarnath Cave In Hindi :

  • प्रिय पाठक पहलगाम जम्मू से लगभग 254 कि.मी. की दूरी  पर स्थित है (पहलगाम श्रीनगर से लगभग  89 कि.मी. की दूरी  पर स्थित है )और यदि आप इस रास्ते अमरनाथ की यात्रा करना चाहते हैं आपको कम से कम 3-4 दिन का समय लग सकता है। पहलगाम से पहला पड़ाव आता है चंदनबाड़ी जो लगभग पहलगाम से 8 से 9 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। 
  • यहाँ यात्री रात में कैम्प भी लगाते हैं। इस स्थान से आगे लिद्दर नदी के सुहावने दृश्यों का आनंद लेते हुए और उसके साथ-साथ चलते चलते आप आगे पिस्सू घाटी की चढ़ाई करते हैं जो यहाँ का दूसरा पड़ाव है। लिद्दर नदी पर बना बर्फ का पुल भी देखना आपके सभी के लिए एक सुखद आश्चर्य होगा।      
  • पिस्सू घाटी की चढ़ाई के बाद आप आगे शेषनाग पड़ाव की चढ़ाई शुरू करते हैं। ये चढ़ाई बिल्कुल आसान नहीं है क्योंकि ये एकदम खड़ी चढ़ाई है और चंदनबाड़ी से शेषनाग लगभग 14 कि.मी. दूर है। ऐसा माना जाता है भगवान् शिव ने इस स्थान पर शेषनाग और वासुकी का त्याग किया था। साथ ही इस स्थान पर एक बेहद ही सुंदर नीले चमकते रंग की झील है। ऐसा माना जाता है शेषनाग आज भी इस झील में वास करते हैं और उनके दर्शन पाना असीम कृपा मानी जाती है।
  • इसके बाद अगला पड़ाव आता पंचतरणी जो शेषनाग से मात्र 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। अमरनाथ की गुफा की यात्रा के लिए इस पड़ाव में आपको बैववैल और महागुणास दर्रे को पार करना पड़ता है। जिसे पार करना उतना भी आसान नहीं है। इस स्थान पर छोटी-छोटी 5 सरिताएँ बहती हैं जिस कारम इस स्थान को पंचतरणी नाम से जाना जाता है। 
  • पंचतरणी से आगे अमरनाथ की गुफा केवल 6 कि.मी. दूर रह जाती है। जैसे-जैसे आप ऊपर की तरफ जाते हैं ठंड और बर्फबारी दोनों का जोर बढ़ने लगता है। लेकिन जैसे ही एक बार अमरनाथ की गुफा तक पहुँचते हैं उस असीम दृश्य को देखकर आपकी सारी थकान पल में उतर जायेगी।

बलटाल द्वारा अमरनाथ गुफा की यात्रा - Travel by Baltal Route Amarnath Cave In Hindi :

  • बलटाल , श्रीनगर से लगभग  89  कि.मी. दूर है और मात्र 1-2 दिन में आप यहाँ से अमरनाथ की यात्रा करके लौट सकते हो। ये अमरनाथ की गुफा का सबसे छोटा रास्ता है जहाँ से अमरनाथ की गुफा मात्र 14 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। लेकिन ये मार्ग जितना छोटा है उतना ही कठिन भी है इस मार्ग से चढ़ाई एकदम सीधी है जिस कारण बच्चों और बुजुर्गों के लिए इस मार्ग से यात्रा करना जरा कठिन होता है। श्रीनगर से अमरनाथ की यात्रा करना आसान है | अपनी यात्रा पैकेज को बुक करने के लिए www.redgotrip.com पर विजिट करें | 

अमरनाथ की गुफा की दंतकथा - Story About The Amarnath Cave in Hindi :

  • इस पवित्र गुफा को लेकर एक प्रचलित दंतकथा भी मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव ने देवताओं में भी दुर्लभ और सबसे शक्तिशाली अमरत्व की कथा को माता पार्वती को सुनाया था। उस समय वहाँ एक शुक (तोता) भी मौजूद था और उसने भी उस कहानी को सुनकर अमरत्व को पाया। और शुकदेव के नाम से मशहूर हुआ।
  • धीरे-धीरे ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवता भी इस कथा को उसने और अमर होने की लालसा लिए भगवान् शिव के पास पहुँचे। तब भगवान् शिव को लगा यदि सभी अमर हो गए तो सृष्टि का संचालन क़िस प्रकार होगा। इसलिए उन्होंने इस कथा को गुप्त कर दिया। लेकिन उन्होंने देखा कि कबूतरों के जोड़ा उनकी कथा सुन चुका था। ऐसा माना जाता है कि आज भी श्रद्धालुओं को गुफा में कबूतरों का जोड़ा दिखाई देता है। जिन श्रद्धालुओं को ये जोड़ा दिखाई देता है उन्हें बहुत भाग्यशाली माना जाता है।
  • साथ ही एक कथा और मशहूर है कि अमरनाथ की गुफा को आज से 700 साल पहले एक बूटा द्वारा खोजी गई थी। बूटा अपनी भेड़ लेकर चराने पहाड़ों पर जाता है जहाँ उसको एक साधु द्वारा कोयले से भरी टोकरी दी जाती है। जिस टोकरी को लेकर जैसे ही वो अपने घर आता है वो कोयला सोने में परिवर्तित हो जाता है। बूटा साधु को धन्यवाद देने वापस पहाड़ की चोटी पर जाता है लेकिन वहाँ उसे साधु नहीं अमरनाथ की गुफा मिल जाती है।   

अमरनाथ घूमने का सबसे सही समय - Best Time to visit Amarnath in Hindi :

  • अमरनाथ की यात्रा का सबसे सही समय जून से शुरू होकर अगस्त के अंत तक रहता है। क्योंकि सर्दियों में बर्फ़बारी होने और अधिक ठंड पड़ने के कारण अमरनाथ की गुफा जाने वाले रास्ते बंद हो जाते है। बर्फ के कारण आगे जाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अप भी जब अमरनाथ की यात्रा का प्लेन बना रहे हैं तो समय देख कर ही बनाये। ताकि आपकी यात्रा सुखद और यादगार रहे।

अमरनाथ यात्रा का खर्च - Cost of Amarnath Yatra :

अमरनाथ यात्रा का खर्च लगभग 3000 के आसपास रहता है | पहलगाम से अमरनाथ तक 2020 में 2950 रुपया था

अमरनाथ की यात्रा के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण टिप्स - Important Tips For Amarnath Cave in Hindi :

  • सर्वप्रथम अमरनाथ की यात्रा करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन द्वारा अपना यात्रा स्लॉट बुक करना होता है।आप जितना जल्दी रजिस्ट्रेशन करोगो उतना ही जल्दी आप यात्रा परमिट प्राप्त करोगे।
  • रजिस्ट्रेशन और यात्रा परमिट प्राप्त करने के लिए कई शाखाएँ हैं जिन्हें निश्चित यात्रा मार्ग और दिन समय बाँटे गए हैं। ताकि एक निश्चित संख्या में ही यात्रियों को अमरनाथ की यात्रा पर भेजा कजा सके। 
  • यात्रा का परमिट प्राप्त करने के लिए आपको अपना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त जमा कराना होता है। क्योंकि अमरनाथ की यात्रा बहुत कठिन है जिसे स्वस्थ व्यक्ति ही कर सकता है।
  • आप आपना रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए फॉर्म एस.ए.एस.बी की साइड पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं और उस फॉर्म को सही-सही भर कर जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
  • जब आपका रजिस्ट्रेशन संपूर्ण हो जाए और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो जाए तो उस स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी और चार पासपोर्ट साइज फोटो आपको अपनी यात्रा के दौरान साथ रखनी होगी ताकि आपको यात्रा परमिट प्राप्त हो सके।
  • एक यात्रा परमिट से मात्र एक ही व्यक्ति यात्रा कर सकता है। यदि आप अपने साथ बच्चे और बूढ़े परिवार जनों को भी साथ ले जा रहे हैं तो उनका विशेष ध्यान रखें क्योंकि यात्रा मार्ग की चढ़ाई खड़ी है जो अमरनाथ की वातावरण बेहद ठंडा है। 

अमरनाथ कैसे पहुँचे - How To Reach Amarnath in Hindi :

  • आप अमरनाथ सड़क, प्लेन और ट्रेन के रास्ते आराम से पहुँच सकते हैं। साथ ही यदि आप अपनी 2021 की यात्रा का पैकेज चाहे तो www.redgotrip.com के जरिय भी बुक कर सकते हैं।

 प्लेन के रास्ते अमरनाथ कैसे पहुँचे - How To Reach Amarnath by Flight in Hindi :

  • प्लेन के रास्ते अमरनाथ पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट श्रीनगर है जो पहलगाम से मात्र 90 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। साथ ही आप जम्मू एयरपोर्ट के जरिये भी पहलगाम से अमरनाथ की गुफा की यात्रा कर सकते हैं लेकिन ये हवाई अड्डा 263 कि.मी. की दूरी पर स्थित है जो वाकई में काफी दूर है। साथ ही अब आप बलटाल से भी हवाई मार्ग द्वारा अमरनाथ की चढ़ाई यात्रा भी कर सकते हैं।    

ट्रेन के रास्ते अमरनाथ कैसे पहुँचे - How To Reach Amarnath By Train in Hindi :

  • यदि आप अमरनाथ की यात्रा पर रेल मार्ग से पहुँचना चाहते हैं तो पहलगाम से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है उधमपुर जो लगभग 217 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। आप वहाँ से आगे की यात्रा तय कर सकते हैं। लेकिन जम्मू रेलवे स्टेशन उधमपुर की तुलना में भारत के बड़े राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जहां से आपको लगभग सभी राज्यों से सीधी रेल सेवा उपलब्ध होगी।

सड़क के रास्ते अमरनाथ कैसे पहुँचे - How To Reach Amarnath By Road in Hindi :  

  • सड़क मार्ग के रास्ते अमरनाथ पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले जम्मू जाना होगा और वहाँ से श्रीनगर। श्रीनगर से आप पहलगाम और बलटाल के मार्ग के द्वारा अमरनाथ की यात्रा कर सकते हैं। श्रीनगर से पहलगाम लगभग 92 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और बलटाल लगभग 89 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप कैब या टैक्सी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। 
  • अमरनाथ बेहद ही सुंदर और पवित्र स्थल है जहाँ जाकर स्वयंभू भगवान् शिव के दर्शन प्राप्त करना हर व्यक्ति का सपना होता है। साथ ही इस स्थान की यात्रा करने समय आपको प्रकृति के बेहद ही सुंदर दृश्यों के दर्शन होते हैं जिन्हें देखकर आपका मन वैसे ही अभिभूत हो जाएगा।
  • अलग-अलग पड़ावों की यात्रा करते उनके प्राकृतिक सौंदर्य को आँखों में भर और उनसे संबंधित कथा को सुन आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हैं आप गुफा के दर्शन के लिए और ललायित हो उठते हैं। और जैसे ही एक बार आप अमरनाथ भगवान् के दर्शन प्राप्त कर लेते हैं यात्रा की सारी थकान मानो पल में छू-मंतर हो जाती है। इसलिए आप जब भी जम्मू और कश्मीर की यात्रा के बारे में सोच रहे हैं तो अमरनाथ की गुफा के दर्शन करना बिलकुल नहीं भूलियेगा।