मेरठ में घूमने की जगह - Meerut tourist places in hindi

प्रिय पाठकों को मेरा प्रेम भरा नमस्कार, मैं गौरव शर्मा आप सबका एक बार फिर अपने लेख में स्वागत करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप और आपका परिवार सब कुशल मंगल होगा।

मेरठ में घूमने की जगह - Meerut tourist places in hindi

दोस्तों आज हम इस लेख में उत्तर प्रदेश जिले के एक ऐसे शहर के बारे में जानेगे जिसका इतिहास भारत के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा है, तथा इस शहर के बारे में ऐसी किंवदंतियां प्रचलित है कि इस शहर का संबंध त्रेता तथा द्वापर युग से भी था। दोस्तों आज के इस लेख में हम महानगर मेरठ के बारे में विस्तार से जानेगे। हम इस लेख में जानेगे की मेरठ का इतिहास कितना गौरवशाली है, भारत की स्वतंत्रता में इस महानगर का क्या योगदान था,तथा पर्यटकों के लिए यहाँ घूमने के लिए कौन कौन से स्थान उपयुक्त है।

मेरठ का इतिहास - Meerut history in hindi

मेरठ नगर के बारे में ऐसा मानना है कि इस नगर को त्रेता युग में मय नामक असुर ने बस आया था, तथा उस समय इस नगर का नाम मयराष्ट्र हुआ करता था।हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार रावण की पत्नी मन्दोदरी इसी मयासुर की पुत्री थी।

इसी मायासुर का विवरण हमें एक और हिंदू महाग्रंथ महाभारत में भी देखने को मिलता है, महाभारत के अनुसार पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ का निर्माण इसी राक्षस ने किया था।

स्थानीय कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब श्रवण कुमार अपने माता पिता को लेकर इस मयराष्ट्र में प्रवेश किए थे तो इस राष्ट्र की आसुरी शक्ति के कारण उन्होंने भी अपने माता पिता को आगे ले जाने से मना कर दिया था परन्तु उनके माता पिता के समझाने पर उन्हें ज्ञात हुआ कि यह सब माया सूर के भ्रम के कारण हुआ है।

दोस्तों ये तो मेरठ महानगर का पौराणिक इतिहास है जिसपर कुछ लोग विश्वास नहीं करते परन्तु अब मैं आपको इस महानगर के उस गौरवशाली इतिहास के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसके कारण हमेशा हमेशा के लिए इस महानगर का नाम स्वतंत्र भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

बात 10 मई 1857 की है जब हिंदुस्तान में मंगल पांडे के नेतृत्व में पहली बार ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ़ इसी ऐतिहासिक धरती से पहली बार आजादी की चिंगारी उठी थी तथा वो आंदोलन पूरे देश में फैल गया था अर्थात हम ऐसा बोल सकते हैं कि भारत को स्वतन्त्र कराने के लिए जो पहला संग्राम हुआ था उसका जन्मदाता यही महानगर है। यही से मंगल पांडे के साथियों ने मिलकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ मोर्चा खोला और बाद में महारानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में पूरे देश में अंग्रेजों का विरोध हुआ परन्तु जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कुछ देश के गद्दारों की वजह से जिंस लड़ाई को हमें 1857 में जीत लेना चाहिए था वो जीत हमें पूरे 90 साल बाद 1947 में जाकर मिली।

आज का मेरठ - Modern Meerut in hindi

दोस्तों एक स्वर्णिम इतिहास के साथ यह महानगर आज के समय में भारत का सबसे बड़ा खेल सामग्री उत्पादक शहर है। मूलतः यहाँ पर क्रिकेट का विश्व स्तरीय सामान मिलता है, यहाँ के क्रिकेट बैट पूरी दुनिया में सराहे जाते हैं। खेल जगत में शोहरत कमाने के बाद यह शहर शिक्षा के मामले में भी किसी अन्य बड़े शहर से पीछे नहीं है यहाँ देश के बड़े बड़े शिक्षा संस्थान, महा विद्यालय,तथा कोचिंग संस्थान स्थापित है।जिससे कारण मेरठ महानगर का नाम देश के सबसे पढ़े लिखे शहरों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मेरठ की प्रसिद्ध जगह - Famous places of Meerut in hindi

हस्तिनापुर - मेरठ से लगभग 45 किलोमीटर दूर यह शहर इतिहास प्रेमियों के लिए एक उपहार से कम कुछ नहीं है क्योंकि यहाँ उन्हें इतिहास से जुड़ें कुछ ऐसे अनसुलझे पहलू तथा कुछ ऐसे साक्ष्य देखने के लिए मिलते हैं की वो इस पौराणिक नगरी के बार बार दर्शन करना चाहते हैं। दोस्तों यदि आप हस्तिनापुर के बारे में विवरण से जानना चाहते हैं तो मैं आपको अपने दूसरे लेख का लिंक इसके साथ जोड़ देता हूँ मैंने उस लिंक में हस्तिनापुर के बारे में विवरण से जानकारी दी है।

मेरठ का संग्रहालय - Museum of Meerut in hindi

पर्यटकों के लिए मेरठ का संग्रहालय एक बहुत अच्छा पर्यटक स्थल माना जाता है क्योंकि यहाँ आपको महाभारतकालीन कुछ ऐसे साक्ष्य देखने के लिए मिलते हैं जो आपको ये मानने पर मजबूर कर देंगे की आज तक जो हम टीवी या अपने स्कूल की किताबों में पढ़ते हुए आए हैं वो महाभारत सत्य में एक कहानी नहीं बल्कि भारत का गौरवशाली इतिहास है। इस संग्रहालय में आपको स्वतंत्रता सेनानियों के भी कुछ ऐसे सामान देखने के लिए मिलेंगे जिसके बाद आपको एक भारतीय होने पर और ज्यादा गर्व महसूस होगा। अर्थात यह संग्रहालय मेरठ के गौरवशाली इतिहास का एक जीवंत चित्रण है।

बाबा औघड़नाथ मंदिर - Baba Augharnath Temple Meerut

मेरठ का बाबा औघड़नाथ मंदिर हमेशा से ही पर्यटकों के लिए एक अच्छा पर्यटक स्थल रहा है, हर साल महा शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में लाखों की संख्या में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंदिर को खाली पलटन के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, कैसा कहा जाता है कि मंगल पांडे व उसके साथियों ने इसी मंदिर परिसर में भारतीय सैनिकों को अंग्रेजों द्वारा दिए जा रहे कारतूसों के खिलाफ़ भड़काया था जिसके कारण 1857 की क्रान्ति ने जन्म लिया था अर्थात 1857 की क्रांति का जन्म स्थल यही काली पल्टन का मंदिर माना जाता है।

विल्ववेश्वर मंदिर - Bilvkeshwar Mahadev Temple

ऐसा माना जाता है कि मेरठ में स्थित इस मंदिर की स्थापना 1820 में मराठा शासकों द्वारा कराई गई थी, इस मंदिर में शिवलिंग को सुरक्षित करने के लिए उसके ऊपर तांबे का कलश चढ़ाया गया है इसी मंदिर के समीप एक भव्य संस्कृत महा विद्यालय भी स्थित है। अर्थात जो पर्यटक संस्कृत भाषा में रुचि रखते हैं उनके लिए यह स्थान सबसे उपयुक्त है।

सरधना का पांडव मंदिर - Sardhana Pandav Mandir

यह मंदिर मेरठ शहर से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, ऐसा माना जाता है कि हस्तिनापुर से लाक्षागृह जाते समय पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया तथा यहाँ भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा तथा शिवलिंग की स्थापना की और पूजा अर्चना की। आज भी स्थानीय लोग ऐसा मानते हैं कि जो भी सच्चे मन से इस मंदिर में कुछ मांगता है वो कभी खाली हाथ नहीं आता। सरधना का चर्च मेरठ शहर से 20 किलोमीटर दूर यह कैथोलिक चर्च पर्यटकों के लिए एक आकर्षक का केंद्र होता है यहाँ हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक आते हैं तथा इस चर्च में घूमते फिरते है।

मेरठ शहर इन सब चीजों के अलावा विक्टोरिया पार्क, घंटाघर, नौचंदी मेला, नौचंदी मेले के पास स्थित माता चंडी देवी के मंदिर तथा कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनाई गई शाही ईदगाह तथा जामा मस्जिद के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं। 1857 की क्रांति में मारे गए अंग्रेजी सैनिकों की कब्र आज भी सेंट जॉन कब्रिस्तान में इसी शहर मेरठ में दफ़्न हैं।

मेरठ की जनसंख्या - Population of Meerut in hindi

2011 की जनगणना के अनुसार मेरठ की जनसंख्या 20,00,000 है।

मेरठ पहुंचने का तरीका - How to reach Meerut in hindi

मेरठ भारत की राजधानी नई दिल्ली से है 75 किलोमीटर दूर स्थित है अर्थात यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का भी हिस्सा है मेरठ पहुंचने के लिए आप हवाई, रेल या बस यात्रा कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के कारण यह महानगर देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है तो आपको यहाँ पहुंचने में कोई तकलीफ नहीं होगी। मेरठ के सबके पास स्थित रेलवे स्टेशन मेरठ सिटी ही है तथा सब से समीप स्थित हवाई अड्डा इंदिरागांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो दिल्ली में स्थित है।

मेरठ का मौसम - Weather of Meerut in hindi

वर्ष भर में आपको मेरठ में चारों ऋतुओं का आनंद उठाने का मौका मिलेगा, जनवरी से मार्च तक यहाँ कड़ाके की ठंड तथा अप्रैल से जून तक गर्मी उसके बाद जून से सितंबर तक बारिश फिर सितंबर से दिसंबर तक आपको सुहाने मौसम का आपको सुहाने मौसम का आनंद लेने का मौका मिलेगा।

मेरठ का भोजन - Famous foods in Meerut in hindi

मेरठ केवल अपने स्वर्णिम इतिहास , खेल जगत में एक विश्व स्तरीय मुकाम हासिल करने के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि आपको यहाँ स्वादिष्ट से स्वादिष्ट भोजन भी खाने को मिलेंगे। मेरठ में सबसे प्रसिद्ध यहाँ की नानखताई को माना जाता है तो यदि आप मेरठ आते हैं एक बार यहाँ की नानखताई जरूर चखें, उसके बाद यदि आप छोले भटूरों के शौकीन हैं तो बेगमपुल स्थित पिंकी के छोले भटूरे आप के लिए उपयुक्त स्थान होगा।

मेरठ में ठहरने की व्यवस्था - Where to stay in meerut in hindi

मेरठ में ठहरने के लिए आपको कोई कठिनाई नहीं होगी मेरठ में आपको आलीशान से आलीशान होटल तथा एक मध्यमवर्गीय होटल भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।

दोस्तों आशा करता हूँ कि मैं गौरव शर्मा आपके समक्ष मेरठ मेरठ की एक गौरवशाली तस्वीर बनाने में सक्षम रहा तथा यहाँ के गौरवशाली इतिहास को अच्छे से आपके सामने प्रस्तुत करने में भी सक्षम रहा। तो दोस्तों यदि आप हिंदुस्तान की स्वतंत्रता के प्रारंभ को समीप से देखना चाहते हैं तो एक बार जरूर मेरठ आए और यहाँ आकर खुद को गौरवान्वित महसूस करें धन्यवाद।