लखीमपुर खीरी में घूमने की जगह - Best tourist places Visit in Lakhimpur Kheri In Hindi

मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में इस लेख में हम लखीमपुर खीरी घूमने की संपूर्ण जानकारी देंगे  | आप से अनुरोध है कि हमारे इस लेख को पूरा अंत तक पढ़े | दोस्तों आप में से कई लोग जानते हैं कि दुधवा नेशनल पार्क इसी लखीमपुर खीरी में है | 

लखीमपुर खीरी में घूमने की जगह - Best tourist places Visit in Lakhimpur Kheri In Hindi

मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में इस लेख में हम लखीमपुर खीरी घूमने की संपूर्ण जानकारी देंगे  | आप से अनुरोध है कि हमारे इस लेख को पूरा अंत तक पढ़े | दोस्तों आप में से कई लोग जानते हैं कि दुधवा नेशनल पार्क इसी लखीमपुर खीरी में है | 

लखीमपुर खीरी की परिचय - Tourist Places In Lakhimpur Kheri In Hindi : 

  • लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश का एक जिला है | दोस्तों लखीमपुर खीरी भारत नेपाल सीमा पर स्थित है | लखीमपुर खीरी लखनऊ मंडल का एक हिस्सा भी है |दोस्तों पहले यह जिला लक्ष्मीपुर जिले के नाम से जाना जाता था , कहा जाता है कि पुराने समय में यह जिला खर   के वृक्षों से घिरा हुआ था तो “खीरी” शब्द खर के वृक्षों का प्रतीक है | यह जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिला में से एक है | दोस्तों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लखीमपुर खीरी की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है | 

लखीमपुर खीरी में में घूमने की जगह - Lakhimpur Kheri Me ghumne ki jagah 

  • दोस्तों लखीमपुर खीरी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के  की वजह से पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए हुए हैं | दोस्तों हम आपको बताएंगे कि लखीमपुर खीरी अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां पर कहां - कहां घूम सकते हैं |

1. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान लखीमपुर खीरी - Dudhwa National Park In Hindi : 

  • दोस्तों दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित वन क्षेत्र है |  यह वन क्षेत्र भारत और नेपाल की सीमा से लगा हुआ है | दोस्तों दुधवा राष्ट्रीय उद्यान बाघ और बारहसिंघा के लिए विश्व प्रसिद्ध है | 
  • दोस्तों अगर आप लखीमपुर खीरी पहुंच गया है तो यहां से दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 91 किलोमीटर है जो यह दूरी लगभग 2 घंटे में पूरा किया जाता है | 

2. शिव मंदिर (गोला कोकरन नाथ )लखीमपुर खीरी - Shiv temple( Gola Gokaran Nath Temple)  Lakhimpur Kheri in hindi :

  • दोस्तों गोला गोकरण नाथ  भगवान भोले को समर्पित एक शिव मंदिर है इसे छोटीकाशी भी कहा जाता है |दोस्तों यहां पर शिव लिंग  जमीन से थोड़ा नीचे विराजमान है |
  • दोस्तों इस मंदिर के संबंध में एक कथा प्रचलित है कि कहा जाता है कि रावण जब घोर तपस्या से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर लिया था तो भोलेनाथ जी ने रावण को वरदान मांगने को कहा तब रावण ने भगवान से कहा कि हे भगवान आप हमारे साथ लंका चलिए| यह बात सुनकर सभी देवी देवताओं में भूचाल मच गया तब ब्रह्माजी ने भोलेनाथ जी से कहा कि आप रावण को सोच समझकर वरदान दीजिए तब भोलेनाथ जी ने रावण को एक शर्त रखी और कहा  कि हम तुम्हारे साथ एक ही शर्त पर लंका जा सकते हैं यदि तुम शिवलिंग को धरती से कहीं भी टच ना करो अगर धरती से   कहीं टच हुआ तो मैं वहीं पर निवास कर लूंगा |
  • इस बात से रावण सहमत हो गया रावण ले चला शिवलिंग को लंका की तरफ दोस्तों   भगवान ने ऐसी रचना  रची की रावण को लघु शंका लग गया और उसी समय वहां एक चरवाहा मिला उस चरवाहे को रावण ने शिवलिंग दे दिया कि तुम इसे अपने सर पर रखे रहो | 
  •  दोस्तों लेकिन भगवान भोलेनाथ जी ने अपने शिवलिंग का वजन बढ़ाना शुरू किया तब चरवाहे ने शिवलिंग का वजन नहीं ले पाया उसके कारण चरवाहे ने शिवलिंग को धरती पर रख दिया | जब रावण ने शिवलिंग को देखा तब गुस्सा के मारे चरवाहे  की तरफ  दौड़ा  और उसे  दौड़ाकर मारने की कोशिश किया  लेकिन चरवाहा ने कुएं में कूदकर जान दे दिया |  उसके बाद  रावण ने शिवलिंग को बहुत उठाने का कोशिश किया लेकिन उठा  नहीं पाया तब रावण ने गुस्से से शिवलिंग को अपने पैर के अंगूठे से दबा दिया दोस्तों आज भी उस शिवलिंग पर रावण के पैर के अंगूठे का निशान है | दोस्तों यहां पर अप्रैल के महीने में लगभग 1 महीने का मेले का आयोजन किया जाता है|

3. लिलौटी नाथ मंदिर लखीमपुर खीरी- Lilauti Nath Temple Lakhimpur Kheri in Hindi :

  • दोस्तों यह मंदिर लखीमपुर खीरी का रहस्यमई मंदिर है लिलौटी नाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है | लखीमपुर खीरी से लिलौटी नाथ मंदिर की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है |दोस्तों स्थानीय लोग बताते हैं कि यह मंदिर 12 वीं शताब्दी का बना हुआ है | 
  • दोस्तों स्थानीय लोग इस मंदिर के बारे में बताते हैं कि रात में दो योद्धा पूजा करने के लिए आते हैं जब हम दोनों योद्धा के बारे में पूछा तो मेरे होश उड़ गए और वह कह रहे थे कि यहां पर अश्वत्थामा और आल्हा आते हैं पूजा करने के लिए |दोस्तों आज तक इस  रहस्य  को कोई जान नहीं पाया  आखिर यहां आता कौन है पूजा करने के लिए लेकिन जब लोग सुबह मंदिर में देखते हैं तो शिवलिंग पर अभिषेक किया हुआ मिलता है और साथ ही पैरों का निशान भी मिलते हैं |दोस्तों सौभाग्य मिले तो आप लखीमपुर खीरी जरूर जाइए और मंदिर का दर्शन आप जरूर कीजिए | 

4. मेंढक मंदिर लखीमपुर खीरी - Frog Temple Oel Lakhimpur kheri In Hindi : 

  • दोस्तों  इस मंदिर का निर्माण 1670 ईस्वी में करवाया था | दोस्तों यह मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है | इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह मेंढक के पीठ पर बनाया गया है | दोस्तों इस मंदिर को कुछ लोग आयल मंदिर के नाम से भी जानते हैं |  यह  यह मंदिर लखीमपुर खीरी से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर  आयल कस्बे में है | 
  • दोस्तों इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का शिवलिंग दिन में तीन बार अपना कलर चेंज करता है तथा इस मंदिर के नंदी महाराज हमेशा खड़े स्थिति में हैं जबकि आप किसी शिव मंदिर में जाते हैं तो नंदी हमेशा बैठे होते हैं |इस मंदिर की एक और खास बात है कि मंदिर के ऊपर तांत्रिक चक्र लगा हुआ है ऐसा कहा जाता है कि सूर्य के पोजीशन के अनुसार यह तांत्रिक भी घूमता है | मंदिर के ऊपर लगा तांत्रिक चक्र पहले  पूरा गोल था जिसे चोरों ने आधा काटकर चुरा ले गए अभी यह तांत्रिक चक्र आधा ही बचा है | 


5. मैगलगंज लखीमपुर खीरी - Maigalganj Lakhimpur kheri In Hindi : 

  • दोस्तों लखीमपुर खीरी का मैगलगंज शहर पूरे विश्व भर में अपने रसगुल्ला के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है |  मैगलगंज के रसगुल्ले खाने के लिए लोग विदेश से भी आते हैं और साथ ही यहां का रसगुल्ला विदेश एक्सपोर्ट भी होता है | लखीमपुर खीरी से मैगलगंज की दूरी लगभग 54 किलोमीटर है तथा लखनऊ से 128 किलोमीटर और सीतापुर से 43 किलोमीटर है | 
  • दोस्तों  मैगलगंज के दक्षिण में गोमती नदी के किनारे बाबा पारसनाथ का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है कहा जाता है कि यह महाभारत काल का मंदिर है |  इस मंदिर में 6 शिवलिंग है जिसमें से 5 शिवलिंग की पूजा पांडव करते थे और एक शिवलिंग की पूजा द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा करते थे | 

6.  देवकाली शिव मंदिर लखीमपुर खीरी - Devkali Temple Lakhimpur Kheri In Hindi: 

  • दोस्तों देवकली मंदिर लखीमपुर खीरी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है |दोस्तों पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि भगवान गीता के अनुसार राजा परीक्षित ने अपने बेटे के जन्म पर नाग यज्ञ का आयोजन किया था | जिसमें सभी जिसमें सभी सांप मंत्र की शक्ति से प्रभावित होकर उस हवन कुंड में कूद पड़े थे |  इसके बाद आज तक इस  क्षेत्र में कभी भी कोई साफ नहीं पाया गया | ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की पवित्र धरती इस जगह पर सांप को आने नहीं देती है और दोस्तों यह भी कथा प्रचलित है कि इस मंदिर का नाम भगवान ब्रह्मा की पुत्री देवकली के नाम पर रखा गया है क्योंकि उन्होंने यहां पर कड़ी तपस्या की थी | 

दोस्तों अपने सुविधानुसार आप किन जगहों पर भी घूम सकते हैं जो इस प्रकार हैं - 

  • टेढ़े नाथ मंदिर लखीमपुर खीरी-
  • सूरत भवन लखीमपुर खीरी- 
  • गुरुद्वारा कौड़ियाला घाट साहिब लखीमपुर खीरी- 

लखीमपुर खीरी कैसे पहुंचे - How To Reach Lakhimpur Kheri In Hindi: 

 दोस्तों लखीमपुर खीरी अपने सुविधानुसार आप किसी भी साधन से आप पहुंच सकते हैं |

ट्रेन से लखीमपुर खीरी कैसे पहुंचे  - How To Reach Lakhimpur Kheri By Train  In Hindi: 

दोस्तों लखनऊ से सीतापुर होते हुए लखीमपुर खीरी के लिए डायरेक्ट ट्रेन जाती है जिसका ट्रेन नंबर GKP MLN SPL (05009 ) है | यह ट्रेन सप्ताह के सातों दिन चलती है |  दोस्तों आपको  यह ट्रेन 3 घंटे में लखीमपुर खीरी उतार देती है | इस ट्रेन के स्लीपर (SL) का किराया ₹135 है तथा थर्ड एसी9(3A) का ₹460 और 2S का ₹75 है | 

बस से लखीमपुर खीरी कैसे पहुंचे  - How To Reach Lakhimpur Kheri By Bus In Hindi: 

दोस्तों यदि आप बस से जाना चाहते हैं तो लखनऊ सीतापुर इन सब जगह से आपको एसी नॉन एसी बस मिल जाएंगे |

फ्लाइट से लखीमपुर खीरी कैसे पहुंचे - How To Reach Lakhimpur Kheri By Flight  In Hindi: 

लखीमपुर खीरी का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ है | लखनऊ से लखीमपुर खीरी की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है |