अजंता गुफा घूमने की संपूर्ण जानकारी- Ajanta caves in hindi

मेरे प्रिय पाठक आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार हमारे इस नए लेख में इस लेख में हम महाराष्ट्र में स्थित अजंता गुफा का संपूर्ण जानकारी देंगे अतः आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें तथा हमारी  लेख आपको पसंद आए तो आप कमेंट में अपनी राय जरूर दीजिए |

अजंता गुफा घूमने की संपूर्ण जानकारी-  Ajanta caves in hindi

अजंता गुफा की एक झलक - Ajanta Caves in Hindi:

  • अजंता की 30 गुफाएँ पश्चिमी घाट के इन्द्राद्रि श्रेणी में औरंगाबाद के उत्तर में स्थित हैं।
  • गुफाएं, जो अपने मंदिर की वास्तुकला और कई नाजुक रूप से खींचे गए भित्ति चित्र के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • एक 76 मीटर ऊँची, घोड़े की नाल के आकार में एस्कैपमेंट पर स्थित हैं, जो वाघोरा (बाघ) नदी की ओर दिखाई देती हैं ।
  • अजंता की गुफाओं को विश्व विरासत स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध हैं।
  • अजंता गुफाएं , बौद्ध रॉक-कट गुफा मंदिर और मठ, अजंता गांव, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र राज्य, पश्चिमी भारत के पास स्थित हैं।
  • जो कि उनकी दीवार चित्रों के लिए माना जाता है।
  • मंदिरों को औरंगाबाद के उत्तर-पूर्व में वागुरना नदी घाटी में 70 फीट (20-मीटर) की भीतरी दीवार पर ग्रेनाइट की चट्टानों से ढँक दिया गया है।
  • जो कि बहुत ही मनोरम सौंदर्य के स्थान पर है।

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 विश्व धरोहर अजंता गुफा - World heritage Ajanta caves in Hindi :

  • इसको 1983 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया था। 
  • अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएं जो द्वितीय शताब्दी ई. पू. के हैं।

अजंता गुफा का इतिहास - History of Ajanta Caves in Hindi :

  • लगभग 67 मील (107 किमी) औरंगाबाद के उत्तर में पश्चिमी घाटों की इंद्याद्री रेंज में अजंता की गुफाएँ हैं । 
  • 30 गुफाएँ, जो अपने शुरुआती बौद्ध मंदिर वास्तुकला और कई नाजुक रूप से खींचे गए भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • एक 76 मीटर ऊँची, घोड़े की नाल के आकार का वाघोरा (बाघ) नदी के दृश्य में स्थित हैं। 
  • नदी  अंतिम गुफा से कुछ दूर सत कुंड (सात छलांग) नामक एक सुरम्य झरने से निकलती है।
  • यह प्राकृतिक शक्तियों के एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।
  • जो कि अनकहे से अधिक युगों ने डेक्कन पठार की बेसाल्टिक परतों को आकार दिया है। 
  • साथ ही गौतम वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा, यह आदिम परिदृश्य भारत के चित्रों के बेहतरीन संग्रह में से एक के लिए एक उपयुक्त पृष्ठभूमि प्रदान करता हैपुरातनता।
  • इसका वर्तमान नाम एक पड़ोसी गाँव से लिया गया है, जिसका स्थानीय उच्चारण अजिन्था है। यह ध्यान रखना दिलचस्प होगा, कि अजीता मैत्रेय बुद्ध का बोलचाल का नाम है

 अजंता गुफा क्या है - What is Ajanta Caves in Hindi :

  • अजंता एक विश्व यूनेस्को विश्व  विरासत स्थल है। 
  • यह हिंदू, बौद्ध और जैन के स्मारको और कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है। 
  • दुनिया में सबसे बड़ी रॉक-कट मठ मठ-मंदिर गुफाओं में से एक है।

अजंता गुफाएं किसने बनवाई - Who Made Ajanta Caves in Hindi :

हिन्दु शासकों द्वारा बनवाई गई थी ,जिनमें राष्ट्रकूट शासकों ने हिन्दु तथा बौद्धों की गुफाएँ बनवाई और यादव वंश ने जैन धर्म की गुफाएँ बनवाई । 1983 में इन्हें विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था।

अजंता की गुफाएं कहां स्थित है - Where Ajanta caves are situated in hindi :

भारतीय कला का शानदार नमूना महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक पृथक घाटी में छिपा हुआ है।

अजंता गुफा की चित्रकला की विशेषता - Ajanta Caves Painting in Hindi :

  • अजंता की चित्रकला की एक विशेषता यह है कि इन चित्रों में दृश्यों को अलग-अलग भागों में नहीं विभाजित किया गया है।
  • अजंता की प्रसिद्ध गुफाओं के चित्रों की चमक हज़ार से अधिक वर्ष बीतने के बाद भी आधुनिक समय से विद्वानों के लिए आश्चर्य का विषय है।
  • भगवान बुद्ध से संबंधित घटनाओं को इन चित्रों में अभिव्यक्त किया गया है।
  • अजंता की गुफाओं में बौद्ध मठ का स्तूप है।
  • यहां पर भगवान बुद्ध प्रार्थना और अध्ययन किया करते थे।
  • सर्वप्रथम इस गुफा का खोज एक ब्रिटिश ऑफिसर के द्वारा किया गया उसने यह जानकारी तुरंत सरकार को दी तब से लेकर आज तक इसकी खुदाई और अध्ययन प्रारंभ है।
  • इन गुफाओं में प्राचीन चित्रकला मूर्तिकला और वास्तुशिल्प की अत्यंत लुभावनी दृश्य देखने को मिलता हैं 
  • गुफाओं की दीवारों तथा छतों पर बनाए गए चित्रों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चित्र जातक कथाओं (भगवान बुद्ध के पूर्वजन्मों की बेहद लोकप्रिय कहानियों) से जुड़े हुए है।
  • अजंता की गुफा संख्या 9 से 10 में प्राचीनतम चित्रकलाएँ हैं, जिनकी समानता अमरावती की मूर्तिकला और सातवाहन काल की मानव आकृतियों की वेशभूषा, आभूषणों तथा जातीय विशेषताओं से हैं।
  • गुफा संख्या 16, 17 के चित्र पाँचवीं सदी के दौरान बने हैं, इनमें आंध्र और वाकाटक शासकों की चर्चा भी है।
  • 16वीं गुफा में सर्वश्रेष्ठ चित्र मरणासन्न राजकुमारी तथा महात्मा बुद्ध के उपदेश का है।
  • गुफा संख्या 1, 2 और 5 के चित्र 5वीं-6वीं सदी में यानी सबसे बाद में बने हैं।
  • इन गुफाओं में अत्यधिक अलंकरण और आभूषणीय अभिकल्पों के साथ जातक कथाओं को चित्रित किया गया है।
  • गुफा संख्या 1 में पद्मपाणि अवलोकितेश्वर, मार-विजय तथा चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय और ईरान के ससानी साम्राज्य के बादशाह खुसरो द्वितीय के साथ दूतों के आदान-प्रदान का भी चित्र है।
  • अजंता की चित्रकलाओं में रेखाओं के ज़रिये गहरे चमकदार गुलाबी, भूरे, सिंदूरी, हरे आदि रंगों से ऐसे चित्र बनाए गए हैं।
  • जिनकी चमक हज़ारों साल बाद भी बरकरार है।
  • अजंता के चित्रों की एक खास विशेषता इसके पात्रों का स्वभाविक चित्रण है।

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 चित्रों में प्रयुक्त सामग्री:

  • विभिन्न प्रकार के चित्रों में भिन्न-भिन्न सामग्रियों का प्रयोग किया जाता था। 
  • साहित्यिक स्रोतों में चित्रशालाओं और शिल्पशास्त्रों (कला पर तकनीकी ग्रन्थ) के संदर्भ प्राप्त होते हैं।
  • तथापि चित्रों में जिन रंगों का प्रमुख रूप से उपयोग किया गया है, वे है धातु रंग, चटख लाल कुमकुम या सिन्दूर, हरीताल (पीला) नीला, लापिसलाजुली नीला, काला, चाक की तरह सफेद खड़िया मिट्टी, (गेरु माटी) और हरा। 
  • ये सभी रंग भारत में सुलभ थे सिवाय लापीस लेजुली के। 
  • ये संभवतः पाकिस्तान से आता था। कुछ दुर्लभ अवसरों पर मिश्रित रंग जैसे सलेटी आदि भी प्रयोग किए जाते थे। 
  • रंगों के प्रयोग का चुनाव विषय वस्तु और स्थानीय वातावरण के अनुसार सुनिश्चित किया जाता था।

 अजंता गुफा के चित्र और वास्तुकला - Ajanta caves Architecture in Hindi :

  • अजंता में 29 गुफाओं का एक सेट बौद्ध वास्‍तुकला, गुफा चित्रकला और शिल्‍प चित्रकला के उत्‍कृष्टतम उदाहरणों में से एक है।. 
  • गुफाओं की दीवारों तथा छतों पर बनाई गई ये तस्‍वीरें भगवान बुद्ध के जीवन की विभिन्‍न घटनाओं और विभिन्‍न बौद्ध देवत्‍व की घटनाओं का चित्रण करती हैं।
  • अजंता की चित्रकला की एक विशेषता यह है कि इन चित्रों में दृश्यों को अलग-अलग भागों में नहीं विभाजित किया गया है।
  • अजंता की प्रसिद्ध गुफाओं के चित्रों की चमक हज़ार से अधिक वर्ष बीतने के बाद भी आधुनिक समय से विद्वानों के लिए आश्चर्य का विषय है।
  • भगवान बुद्ध से संबंधित घटनाओं को इन चित्रों में अभिव्यक्त किया गया है।
  • अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन २९ चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। 
  • यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं।
  • वासुदेवशरण अग्रवाल के शब्दों में गुप्तयुग में चित्रकला अपनी पूर्णता को प्राप्त हो चुकी थी। 
  • 1819 ईस्वी में मद्रास सेना के कुछ यूरोपीय सैनिकों ने इन गुफाओं अचानक खोज की थी। ... 
  • अजंता के चित्रों के तीन प्रमुख विषय हैं।
  • 9वीं एवं 10वीं गुफाओं के चित्र सबसे प्राचीन हैं और उनका समय प्रथम शता।

अजंता गुफाओं का वर्णन :

गुफा 1 : 

  • पहली गुफा में छवि से सातवें सदी के बीच के समय को दर्शाया गया है।
  • इस गुफा में भगवान बुद्ध की था स्मृति है इसे विभिन्न दिशाओं से देखने पर विभिन्न विभिन्न प्रकार के दिखती है।
  • साथी इस गुफा के बाएं और नक्काशी की गई देवी की मूर्ति है जो पृथ्वी माता को दर्शाती है।
  • एक बौना अपने हाथ में माला लिए  भगवान की इंतजार में खड़ा है।
  • इन सभी के अलावा और भी अनेक प्रकार के चित्र उपलब्ध है जो की गुफा की सुंदरता को दर्शाते हैं यह अत्यंत ही खूबसूरती के साथ बनाए गए हैं।

गुफा 2 : 

  • गुफा दो पहले गुफा से काफी मिलती जुलती है।
  • इस गुफा के दरवाजे, छत और मंदिर की नक्काशी आकर्षण संयुक्त है।
  • दीवार में भगवान बुद्ध की 1000 चित्र बने हुए हैं।
  • आंगन में एक छोटी बच्ची बनी हुई है इसे घूमती हुई बच्ची कहा जाता है।
  • यह चित्र बुद्ध की शारीरिक ऊर्जा पर प्रकाश डालता है
  • गुफा 2 की भी नक्काशी वास्तुकला और मूर्ति अत्यंत आश्चर्यजनक और लुभावनी है।

गुफा 4 : 

  • अजंता की गुफा 4 और 17 बिल्कुल एक समान है दोनों में ही चित्र आधे अधूरे बने हुए हैं।

गुफा 6 : 

  • यह गुफा महायान काल को दर्शाती है।
  • इसमें महात्मा बुद्ध की बैठी हुई एक छवि बनी हुई है जो अत्यंत ही आश्चर्यजनक प्रतीत होती है।
  • यह गुफा अन्य गुफाओं की अपेक्षा ज्यादा आकर्षित करने वाली है या अष्टकोणीय से बनी हुई है।
  • इसमें एक भिखारी को कमल के फूल के साथ दर्शाया गया है।

गुफा 9 :

  • इस गुफा में प्रवेश करते हैं आपको एक अति विशाल हॉल मिलेगा जिसे चैत्य हाॅल के नाम से जाना जाता है।
  • हॉल के आगे बढ़ते हैं एक विशाल घोड़े की नाल वाली विंडो मिलेगी जो देखने में अत्यंत प्रभावशाली और आश्चर्यजनक प्रतीत होता है।
  • यहां उपस्थित अनेक जानवरों की मूर्ति अत्यंत लुभावनी और आश्चर्यजनक प्रतीत होती हैं।

गुफा 10 :

  • शैली और वास्तुकला के हिसाब से या गुफा पिछली गुफा से मिलती-जुलती है।
  • इस गुफा में बुद्ध के जीवन से जुड़े लोगों के चित्र बने हुए हैं जो देखने में अत्यंत है प्रभावशाली प्रतीत होते हैं।

गुफा 11 :

  • यह गुफा हीनयान और महायान के परिवर्तन को दर्शाती हुई नजर आती है।
  • इस मे बुद्ध स्तूप भी बना हुआ है, अनेक बुद्ध के अनुयाई यहां आते हैं और अपने आप को धन्य समझते हैं।

गुफा 17 :

  • यह गुफा थोड़ी अनोखी है क्योंकि इसमें उपस्थित चित्रकारी प्यार को दर्शाती है।
  • इन चित्रों में परियां, आत्माएं, इंद्र की सभा में नाचती हुई अन्याय दिखती है।
  • इस गुफा में भगवान बुद्ध के जीवन की दशा को दर्शाया गया है जब वह राजकुमार सिद्धार्थ से सन्यास ग्रहण लेने वाले थे।
  • जिसमें व सन्यासी बनने के बाद पहली बार अपनी मां और पत्ते से मिलने गए थे।

गुफा 21 : 

  • गुफाएं किस को अन्य गुफाओं की अपेक्षा अत्यधिक बारीकी और नक्काशी से बनाया गया है।
  • इस गुफा में बने 26 नक्कास इधर घूमने इस गुफा को संजीव बनाने का कार्य करते हैं।

गुफा 24 :

  •  इस गुफा में 3 भाग है- स्तंभ शैली, स्तंभ भित्ति और द्वार मंडप युक्त द्वार।
  •  यह स्तंभ अधूरे बने हुए हैं।

गुफा 26 : 

  • इस गुफा में आकर्षण का केन्‍द्र, श्रावस्‍ती के चमत्‍कार, परिवार समूह, और घुंघराले बालों वाले बुद्ध भगवान के सिर का चित्र हैं। 
  • श्रावस्‍ती एक गांव था, जहां के रहने वाले लोग खुद को भाग्‍यशाली मानते थे क्‍योकि उन्‍होने महात्‍मा बुद्ध के दर्शन किए थे।
  •  इस गुफा में चित्रित परिवार समूह उस समय के आर्दश परिवार माने जाते थे और भगवान का मुखमंडल उनके आध्‍यात्मिक तेज को दर्शाता है।

गुफा 27 :

  • यह गुफा दो भागों में बंटी हुई है जिन्‍हे नागा द्धारपाल और पोर्चड डोरवे के नाम से जाना जाता है।
  • यह गुफा 20 से काफी मिलती जुलती है। 
  • इसका नागा वाला हिस्‍सा भी गुफा 20 के समान ही दिखता है। 
  • गुफा का पोर्चड डोरवे वाला भाग गुफा 2 सा दिखता है जो काफी आकर्षक है। 
  • अन्‍य सभी गुफाएं भी बौद्ध धर्म को दर्शाती हुई हमें गर्व महसूस करवाती है कि हम भारतवासी है।

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अजंता गुफा की यात्रा के लिए सबसे अच्छा और उत्तम समय - Best Time To Visit Ajanta Caves in Hindi:

  • अजंता की गुफाओं में आप काभी किसी समय में आ सकते हैं।
  • गर्मियों के मौसम में अगर ना आए तो अच्छा रहेगा हालांकि यहां ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती है फिर भी आप को तेज धुप परेशान कर सकते हैं।
  • मानसून में अंजता की गुफाएं चमक उठती है। 
  • और आसपास के जंगल और प्राकृतिक स्‍थल बेहद सुंदर लगते है। 
  • इस मौसम में अंजता को घूमना पर्यटकों के लिए एक यादगार सफर बन जाएगा। 

 अजंता गुफा को देखने कैसे जाएं - How To Reach Ajanta Caves in hindi :

  • यहां आने के लिए यात्रियों को हवाई जहाज, रेल और बस तीनों ही मिला जाऐगी। अलग-अलग रास्‍तों से आप यहां पहुंच सकते है। 
  • आसपास के शहरों से अंजता की गुफाओं के लिए कई बसें चलती है जो कम समय में पयर्टकों को उनके गंतव्‍य स्‍थल तक पहुंचा देगी। कहते है दूनिया में जन्‍म लेने के बाद और मरने से पहले धरती की कुछ जगहों पर भ्रमण कर लेना चाहिए इनमें से एक अंजता की गुफाएं भी है।

सड़क मार्ग के द्वारा अजंता गुफा कैसे पहुंचे - How To Reach Ajanta Caves By Road In Hindi :

औरंगाबाद से अजंता तक आने में 3 घंटे का समय लगता है। महाराष्‍ट्र के प्रत्‍येक शहर जैसे- मुंबई, पुणे, शिरडी, नासिक व अन्‍य से अजंता के लिए सीधे बसें मिलती है।

ट्रेन के द्वारा अजंता गुफा कैसे पहुंचे - How To Reach Ajanta Cave By Train In Hindi :

अजंता जाने के लिए आपको औरंगाबाद तक ट्रेन से आना होगा। यहां से बस या निजी वाहन से अजंता तक पहुंचना होगा। मुम्‍बई रेलवे स्‍टेशन से प्रतिदिन दो गाडि़यां, तपोवन एक्सप्रेस और देवनागिरी एक्‍सप्रेस औरंगाबाद के लिए चलती है। जलगांव के रास्‍ते से भी अजंता तक जाया जा सकता है जोकि मात्र 60 किमी. की दूरी पर पड़ेगा।

फ्लाइट के द्वारा अजंता गुफा कैसे पहुंचे - How to reach Ajanta cave by flight in Hindi :

अजंता जाने के लिए औरंगाबाद सबसे निकटतम एयरपोर्ट है जोकि गुफाओं से मात्र 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से प्राइवेट टैक्‍सी या बस के द्वारा अजंता गुफाओं तक पहुंचा जा सकता है।

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