भारत के 5 पवित्र झील जहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है - 5 Holy Lake Of India in Hindi

मेरे  प्रिय पाठक हमारी ओर से आपका प्रेम पूर्वक नमस्कार इस नए लेख में इस लेख में हम बताएंगे कि हिंदू पुराण के अनुसार कौन सी पांच सरोवर या झील है जहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है इन पांचों झील को पंच सरोवर के नाम से जानते हैं अतः आपसे अनुरोध है की संपूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े |

भारत के 5 पवित्र झील जहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है - 5 Holy Lake Of India in Hindi

Holy Lake Of India in Hindi:

भारत में 5 पवित्र झील है जिन्हें सामूहिक रूप से पंच सरोवर के रूप से जाना जाता है | इन पांचों  झील का उल्लेख भगवत पुराण में मिलता है इसके अनुसार मान्यता है कि इन पवित्र झील में जो एक बार डुबकी लगा ले उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति करता है |इन सरोवर में भारत के साथ-साथ नेपाल तिब्बत के श्रद्धालु स्नान करने के लिए अपने आप को रोक नहीं पाते हैं जो श्रद्धालु इस की महिमा को समझता है वह इन पवित्र सरोवर में जरूर स्नान करने की इच्छा रखता है | 

1. कैलाश मानसरोवर - Kailash Mansarovar Lake in Hindi:

  • हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि मानसरोवर झील भगवान ब्रह्मा के मन से उत्पत्ति हुई थी जिसकी वजह से मानसरोवर नाम पड़ा |मानसरोवर एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है मन का सरोवर |हिंदू धर्म के पुराणों में कहा जाता है कैलाश पर्वत वह स्थान है जहां भगवान शिव निवास करते हैं इसलिए इस जगह को स्वर्ग माना जाता है मानसरोवर झील का रंग बदलता रहता है इस झील के किनारे का पानी नीला होता है तथा बीच में हरे रंग में बदल जाता है|

  • मानसरोवर झील कैलाश पर्वत  की उचाई  से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|जो श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं वह अपनी इस यात्रा में दो काम जरुर करते हैं पहला कैलाश पर्वत की परिक्रमा और दूसरा मानसरोवर झील में डुबकी लगाना जिससे अपने पापों से मुक्ति मिल सके |
  • कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दो  रास्ते हैं पहला उत्तराखंड के माध्यम से तथा दूसरा सिक्किम के माध्यम से |
  • कैलाश मानसरोवर झील लगभग 320 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ सबसे शुद्ध पानी का स्रोत भी कहा जाता है |पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि माता पार्वती इसी सरोवर में स्नान किया करती थी| यह सरोवर सिर्फ हिंदू मान्यताओं में ही नहीं बल्कि बौद्ध धर्म में भी इस सरोवर को पवित्र माना गया है |

2. बिंदु सरोवर गुजरात - Bindu Sarovar Gujarat in Hindi:

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान विष्णु के आंखों से आंसू गिरने से बिंदु सरोवर उत्पत्ति हुई तथा यह भी कहा जाता है कि इसी सरोवर में भगवान परशुराम ने अपनी माता की अस्थियों का विसर्जन किया था इसी तथ्य के कारण इसे मोक्ष  स्थल के रूप में जाना जाता है और यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं |वर्तमान समय में यहां पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं दर्शन करने के लिए |

  • जिस प्रकार पितृश्राद्ध के लिए गया प्रसिद्ध है ठीक उसी प्रकार मातृश्राद के लिए  अहमदाबाद से 130 किलोमीटर दूर सिद्धपुर में बिंदु सरोवर प्रसिद्ध है |यह सरोवर लगभग 40 फुट चकोर एक कुंड है इस कुंड के चारों तरफ पक्के घाट बने हुए हैं इस कुंड में स्नान करने के बाद मातृश्राद  करते हैं उसके बाद पिंडदान बिंदु सरोवर के निकट अल्पा   सरोवर में विसर्जित करते हैं | 
  • सिद्धपुर तीर्थ स्थान का एक और मुख्य आकर्षण केंद्र है सरस्वती नदी श्रद्धालु पहले इस नदी में स्नान करते हैं यह सरस्वती नदी समुद्र में नहीं मिलती हैं बल्कि या नदी कच्छ की मरुभूमि में लिप्त हो जाती है|

3. नारायण सरोवर गुजरात - Narayan Sarovar Gujarat in Hindi:

  • मेरे प्रिय पाठक जैसा कि आपको नाम से स्पष्ट हो रहा है कि नारायण सरोवर भगवान विष्णु को समर्पित है कुछ लोग इसे भगवान ‘विष्णु का सरोवर’ के नाम से भी जानते हैं | यह गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तहसील में स्थित है|इस सरोवर का जिक्र श्रीमद्भागवत गीता में भी मिलता है| ऐसा कहा जाता है कि इस सरोवर पर आदि शंकराचार्य भी आए हुए थे |यहां से 4 किलोमीटर की दूरी पर कोटेश्वर महादेव की मंदिर है |ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं |

  • नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से 3 दिन का भव्य मेला का आयोजन किया जाता है| इसमें उत्तर भारत के सभी साधु सन्यासी तथा भक्तगण शामिल होते हैं| जब चीनी यात्री ह्वेनसांग यह सरोवर देखने आया तो उसके बाद उसने अपनी पुस्तक “सीयूकी” में चर्चा की है|
  • नारायण सरोवर से 30 किलोमीटर आगे भारत-पाकिस्तान की सीमा लगता है |पहले नारायण सरोवर में रुकने तथा भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी इस कारण श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था क्योंकि उस समय वह इलाका पूरा बिरान था लेकिन वर्तमान समय में स्वयंसेवी संगठनों तथा ट्रस्टों के द्वारा यहां पर रुकने तथा खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था कर दी गई है |
  • मेरे प्रिय पर्यटक यदि आप नारायण सरोवर जाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आप  भुज पहुंचे |भुज के लिए दिल्ली, मुंबई ,अहमदाबाद तथा अन्य बड़े शहरों से रेल मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं फिर भुज से नारायण सरोवर के लिए यात्रा करें |

 4. पंपा सरोवर कर्नाटक - Pampa Sarovar Karnatak in Hindi:

  • पंपा सरोवर भारत के कर्नाटक राज्य में कोप्पल जिले में हम्पी के पास स्थित है|श्रीमद्भागवत पुराण में उल्लेखित भारत की पांच पवित्र सरोवर में से एक है |पंपा सरोवर कमल के फूलों से भरा हुआ है| पौराणिक कथाओं के अनुसार पंपा सरोवर वह स्थान है जहां रामायण में शबरी ,भगवान राम के आगमन की प्रतीक्षा करती है तथा यहीं पर शबरी ने भगवान राम को अपने जूठे बेर खिलाए |

  • पंपा सरोवर हनुमान मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पंपा सरोवर के पास एक प्राचीन लक्ष्मी मंदिर भी है तथा साथ में एक भगवान शिव का भी मंदिर स्थापित है |इनके अलावा यहां पर एक छोटा सा तालाब है और उस तालाब के अंदर आम का पेड़ है और पास में ही गणेश जी की मूर्ति है |
  • Tungabhadra (तुंगा भद्र)

    तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी है  यह नदी कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश  से बहती हुई आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी में मिल जाती है रामायण में तुंगभद्रा नदी को पंपा के नाम से जाना जाता था तुंगभद्रा नदी का जन्म तुंगा एवं भद्र नदियों के मिलने से हुआ था |

5. पुष्कर झील राजस्थान - Pushkar Sarovar Rajasthan in Hindi: 

  • पुष्कर सरोवर भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे में पर स्थित है | इस सरोवर का संबंध भगवान ब्रह्मा से संबंधित है|यहां पर ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर बना हुआ है |इसका विस्तार पुराणों में मिलता है पुष्कर झील राजस्थान के पुष्कर में अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है |यहां पर 52 स्नान घाट और 500 से अधिक मंदिरों से गिरा हुआ है|
  • पुष्कर सरोवर कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है |यहां विश्व का प्रसिद्ध पुष्कर मेला भी लगता है यहां पर घूमने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं |पुष्कर की गणना पंच तीर्थों में किया गया है|
  • पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यहां पर ब्रह्मा ने आकर यज्ञ किया था |विश्वामित्र के तपस्या करने की भी बात यहां कहीं गई है |अप्सरा और मेनका यहां के पावन जल में स्नान के लिए भी आई है |सुभद्रा के अपहरण के बाद अर्जुन ने पुष्कर में ही विश्राम किया था |मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम में भी अपने पिता दशरथ का श्राद्ध पुष्कर में ही किया था |
  • पुष्कर को तीर्थराज कहा गया है अर्थात सभी तीर्थों का गुरु, धर्म शास्त्र में 5 तीर्थ सर्वाधिक पवित्र माना गया है जो इस प्रकार हैं- पुष्कर, कुरुक्षेत्र ,गया, हरिद्वार और प्रयागराज एक पंचतीर्थ है |पुष्कर में आने वाले सभी श्रद्धालु इस झील में स्नान करके अपने आप को पवित्र कर लेते हैं |